बद्दी। औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन के भुड्ड में स्थित टोरेंट फार्मा कंपनी के भूख हड़ताल पर बैठे
श्रम अधिकारी पीसी ठाकुर ने कामगारों और उद्योग प्रबंधन के मध्य समझौता कराने का प्रयास किया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। उद्योग प्रबंधन कर्मचारियों को वापस काम पर लेने के लिए कतई तैयार नहीं है। श्रम अधिकारी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उनके पास केवल दोनों पक्षों के मध्य समझौता कराने का ही अधिकार है। उससे अधिक वे कुछ नहीं कर सकते।
हड़ताली कर्मचारियों- प्रेम सिंह, प्रमिल शर्मा, रमेश कुमार, नरेश कुमार, अमित कुमार, धर्मपाल, केहर सिंह, प्रदीप, मान सिंह, संजय, पवन कुमार और नीरज कुमार ने आरोप लगाया है कि इस औद्योगिक क्षेत्र में प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। उद्योगों में कामगारों का जमकर शोषण हो रहा है और पीड़ितों की कहीं भी सुनवाई नहीं है। यहां तक कि मजदूर यूनियनें भी संकट के समय साथ छोड़ जाती हैं।
कामगारों ने बताया कि उनकी हड़ताल के बाद टोरेंट फार्मा परिसर में बीबीएनडीए के सीईओ ललित जैन, लेबर कमिश्नर, लेबर ऑफिसर, तहसीलदार, डीएसपी, एसएचओ सब आ चुके हैं, मगर किसी ने भी उनकी पीड़ा नहीं सुनी। सभी अधिकारी आए और प्रबंधन के साथ चाय पीकर चुपचाप लौट गए। ऐसा लगता है जैसे सरकार ने इन अधिकारियों को केवल उद्योगपतियों के संरक्षण के लिए ही रखा हुआ है। कामगारों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांग शीघ्र नहीं मानी गई तो वे आत्मदाह करने से भी गुरेज नहीं करेंगे।