देहरादून। उत्तराखंड में जिला पंचायत अध्यक्षों और नगर निगमों के मेयरों को अब राज्यमंत्री का दर्जा
प्रदेश के पंचायत और नगर निकाय प्रतिनिधियों की बुधवार को नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात से ठीक पहले मंगलवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पंचस्थानिक प्रतिनिधियों को कई सौगातों से नवाजा। इसके तहत अब जिला पंचायत अध्यक्षों और नगर निगमों के मेयरों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया जाएगा और उन्हें लालबत्ती लगाने का अधिकार मिलेगा। क्षेत्र पंचायत निधि यथावत रखी जाएगी।
गढ़ी कैंट स्थित मुख्यमंत्री आवास पर त्रिस्तरीय पंचायतों, नगर निकायों और सहकारिता के प्रतिनिधियों के सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने पंचायतों को अधिकार संपन्न बनाने की पैरवी की। साथ ही कहा कि पंचायतों को विधायकों की तर्ज पर एक लाख से तीन लाख तक कार्य बगैर टेंडर कराने की सुविधा मिलेगी। इसके लिए पंचायत मंत्रालय से प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि पंचायतों, निकायों और सहकारिता के तालमेल से प्रदेश के विकास का रोडमैप तैयार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रपोषित एवं अन्य योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के लिए पंचायतों को आगे आना चाहिए। अगले वर्ष मार्च तक नगर पालिकाओं में मानव संसाधन की कमी दूर करने का लक्ष्य रखा गया है। नगर पंचायतों के ढांचे का पुनर्गठन किया जा रहा है। जिला परिषद की क्षमता का आकलन होगा। इसके बाद जिला पंचायतों को निर्माण कार्य सौंपे जा सकते हैं। ब्लाक प्रमुख कार्यालय की सुविधाओं में इजाफा होगा। उन्होंने कहा कि पंचायती संस्थाओं की क्षमता का जितना उपयोग होगा, उतना ही राज्य तरक्की करेगा। इस मौके पर पंचायतीराज मंत्री प्रीतम सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, प्रदेश सहप्रभारी संजय कपूर, प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष सरोजनी कैंतुरा ने भी विचार रखे।
बुजुर्ग महिलाओं को मुफ्त मिड-डे-मीलः मुख्यमंत्री ने बैठक में यह भी घोषणा की कि प्रदेश में 60 वर्ष से अधिक आयु की बुजुर्ग महिलाओं को दोपहर का भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। यह व्यवस्था आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से लागू होगी। आगामी नौ नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर इस योजना का श्रीगणेश करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में मातृ शिशु मृत्यु दर पर रोक लगाने की दिश में सरकार एक कदम और बढ़ाने जा रही है। अब गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक जैविक अनाज मिलेगा। साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों में अब नाती-पोतों के साथ बुजुर्ग महिलाओं को भी दोपहर का भोजन मिलेगा। उन्होंने पंचायतों से इस योजना को बेहतर ढंग से क्रियान्वित करने में सहयोग मांगा।