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पिथौरागढ़ (मुनस्यारी)। मुख्यमंत्री हरीश रावत की मुनस्यारी में आयोजित जनसभा में उस समय दिलचस्प स्थिति पैदा हो गई जब पूर्व विधायक हरीश धामी ने मंच पर सरकार की खबर लेते हुए कह दिया, ‘‘सीएम साहब ! मुनस्यारी में तैनात 90 फीसद से अधिक अधिकारी और कर्मचारी शराब पीकर दफ्तर आते हैं और लोगों के साथ अभद्रता करते हैं। इन लोगों को तुरंत यहां से हटाओ।’’ जनसभा में उपस्थित अधिकारीगण ही नहीं बल्कि मुख्यमंत्री भी इस पर बगलें झांकने लगे।
पूर्व विधायक ने कहा कि प्राकृतिक आपदा को बीते 16 माह हो गए है, लेकिन अभी तक भी यहां अधिकांश पीड़ितों को जानवरों एवं संपत्ति का मुआवजा नहीं मिला है। अधिकारीगण प्रभावितों को नहीं, बल्कि जेब गरम करने वालों को ही मुआवजा दे रहे हैं। धामी ने इस खुली सभा में वर्ष 2005 से 2012 तक यहां आपदा के नाम पर हुई धांधलियों का उल्लेख करते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग भी की।
सभा में हरीश धामी ने कहा कि हरीश रावत जब सांसद थे तब मदकोट से बौना तक सड़क का निर्माण शुरू हुआ था। आज श्रीरावत सीएम भी बन गए हैं, लेकिन यह 22 किलोमीटर सड़क अभी तक पूरी नहीं हुई। उन्होंने कहा, ‘‘ यह मुख्यमंत्री का अपना विधानसभा क्षेत्र है, लेकिन यहां अधिकारी ऐसे तैनात कर रखे हैं, जो मुर्दों से भी कफन तक छीन ले जाएं।’’
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पूर्व विधायक की शिकायत पर कड़ा संज्ञान लिया और मंच पर से ही अधिकारियों एवं कर्मचारियों दे दी कि वे जल्दी सुधर जाएं अन्यथा उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।